दुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कार भाग -3
दोस्तों अब हम अपने लेख “दुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कार” की तीसरी कड़ी में आ गए हैं।इसलिए यहां पर हम कुछ और चर्चा न करके सीधे अपने लेख की अगली कड़ी में पहुचते हैं
फोटोवोलटिक सौर ऊर्जा
फोटो वोलटिक प्रभाव की खोज वैज्ञानिकों द्वारा सन 1800 में कर ली गई थी और औद्योगिक क्रांति के दौर के कुछ कारखाने सौर शक्ति का प्रयोग भाप के उत्पादन में करते थे ।लेकिन आज बेहद बड़े पैमाने पर व्यावसायिक सौर ऊर्जा संयंत्र मौजूद हैं
पवन ऊर्जा
ऊर्जा पैदा करने वाली इस तकनीक का प्रचीन इतिहास है ।संसार में पहली पवन चक्की का उल्लेख सर्व प्रथम 200 ईसा पूर्व मिलता है ।आधुनिक पवन ऊर्जा के आन्दोलन को गति 1970 के दशक में ऊर्जा संकट के बाद मिली
सोशल नेटवर्किंग
सोशल नेटवर्किंग बेवसाइट अपनी दो विशिष्टताओं के कारण जानी जाती है इनमें प्रोफाइल और मित्र सूची कम आकर्षक नही है
सन् 1997 में लांच हुई सिक्स डिग्री डाट काम सबसे शुरूआती सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट थी।माई स्पेस का उदय इसके बाद ही हुआ था ।
ग्राफिक यूजर इंटरफेसGUI
जी यू आई के पिता कहलाने वाले डगलस इंगलबारट ने 1968 में इसकी खोज की थी इसमें एक सीआईटी डिस्प्ले ,दो की बोर्ड और पहला माउस था ।इअंगलबारट के काम से प्रेरित होकर बाद में कई लोगों ने जीयूआई के डिजाइन को परिष्कृत करने में अहम भूमिका निभाई ।।
डिजिटल फोटोग्राफी /वीडियोग्राफी
तस्वीरों का शुरुआती डिजिटल स्वरूप ही वीडियो के अस्तित्व का कारण बना था ।1970 में पहला सालिड स्टेट वीडियो कैमरे का प्रोटोटाइप तैयार हुआ लेकिन 1981 में सोनी द्वारा तैयार किया गया मैविका स्टिल कैमरा वास्तव में एक वीडियो कैमरे की तरह था ।1980 के दशक के आखिर में मेगा पिक्सल सेंसर के विकास और वीडियो के भंडारण में सुधार के साथ डिजिटल फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी को व्यावसायिक रूप में आसान बनाया ।
रेडियो फ्रीक्वेंसी आई डेटिंटी फिकेशन
दूसरे विश्व युद्ध के समय इस तकनीक का उपयोग विमान पहचान में किया जाता था ।1970 के दशक में RFID का पहला पेटेंट कराया गया ।स्वचालित पथकर भुगतान प्रणाली में इस तकनीक के प्रयोग किए जाने के बाद 1980 के दशक में इसका व्यावसायिक रूप सामने आया था ।आज दुनियाभर के तमाम खुदरा विक्रेता इसका प्रयोग सूची बनाने में कर रहे हैं ।
जेनेटिकली माडीफाइड जीएम प्लांट्स
सन 1980 के दशक में ग्रेग जान मेडल के प्रयोग मे प्राकृतिक विकास स्वरूप जी एम पौधों का विकास हुआ ।1994 में पहले जीएम पौधे के रूप में कैलीफोरनिया मे टमाटर की एक प्रजाति विकसित कर बाजार में उतारी गई थी ।ज्यादा उत्पादन,रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते आज इन फसलों का बोलबाला है ।।
जैव ईंधन
इनका शुरुआती इतिहास रूडोलफ डीजल के जमाने से है जिन्होने अपना पहला इंजन मूंग फली के तेल से चलाया था ।1908 में हेनरी फोर्ड ने माडल टी नामक इंजन बनाया जो एथनॉल से से चलता था ।हालाकि जल्दी ही इन आविष्कारको को यह लग गया था कि पेट्रोल ईंधन का सबसे सशक्त माध्यम बन रहा है ।।।लेकिन आज फिर से पर्यावरण के मुद्दे के कारण जैव ईंधन का उद्योग तेजी से बढ रहा है ।।।
एटीएम
आटोमेटेड टेलर मशीन का शुरुआती संस्करण 1960 के दशक में आया था ।लेकिन तब इनसे रकम निकालने को लेकर बाध्यताओं का बोलबाला था ।लेकिन 1970 के दशक में चुम्बकीय पट्टी वाले कार्ड्स का विकास हुआ तधा कम्प्यूटर से जुड़ने के बाद इसके प्रयोग को गति मिली थी ।
आशा है इन बेमिसाल आविष्कारों के बारे में जानकर आपको खुशी मिलेगी ।आपका
धन्यवाद।।।।।।
।।।।लेखक के पी सिंह
13022018
बेहद खुशी हुई इसको जानकर।ज्ञान बर्धक भी है
धन्यवाद
Thanks
Knowledge full article.
Bahut khub
ऐसे ही जानकारी देते रहें।