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हाथरस में क्या हुआ – हादसा या साजिश? मृतकों की संख्या हुई 100 के पार

हाथरस में क्या हुआ – हादसा या साजिश? मृतकों की संख्या हुई 100 के पार

Tragedy in Hathras: Accident or Conspiracy? Death Toll Exceeds 100

लखनऊ, 2 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है।

घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और पल पल की रिपोर्ट के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों (असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी), मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है और लगातार उनके संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं।

प्रदेश सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश

सीएम योगी ने एक्स पर लिखा, “जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”

साजिश या हादसा

जिस तरह का राजनीतिक समीकरण इस वक्त देश-प्रदेश में बना हुआ है उसे देखते हुए हाथरस में हुई घटना की जांच साजिश के नजरिए से भी की जानी चाहिए। शहर-शहर बम धमाकों से आतंक फैलाने वाले आतंकी बीते एक दशक से पूरे भारत में ऐसी किसी नापाक हरकत को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए हैं। ऐसे में कई जगहों पर रेल की पटरियां उखाड़ने, रेल सिग्नल में गड़बड़ी पैदा करने, धार्मिक स्थलों पर अफवाहें और जबरिया अफरातफरी पैदा करने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। संसद में कल ही राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक बताते हुए एक धर्म विशेष के लोगों के कलेजे को राहत पहुंचाने की कोशिश की है। ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि हाथरस के हाहाकार के पीछे साजिश हो।

सत्संग के दौरान मची भगदड़

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी। कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए एटा भेजा गया। घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है।

भगदड़ में हुई मौतें

यूपी के हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में भगड़द मच गई। इसमें अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 100 से अधिक लोग घायल हैं। प्रदेश में हुई इस बड़ी घटना को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया है। बता दें कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

घटनास्थल का मंजर

इस बीच जो लोग इस सत्संग में शामिल होने गए थे और भगदड़ का शिकार हुए हैं उन्होंने बताया कि मौके पर कैसे मंजर था। एक युवती ने बताया कि सत्संग में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। सत्संग समाप्त हुआ उसके बाद लोग वहां से जाने लगे। इसी दौरान निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे को देख ही नहीं रहे थे। महिलाएं और बच्चे गिरते चले गए। भीड़ उनके ऊपर से दौड़ रही थी। कोई बचाने वाला नहीं था। चारों ओर चीख पुकार मची हुई थी।

भीड़ की विशालता

जानकारी सामने आई है कि महीने की शुरुआत के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। इस सत्संग में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी।

व्यवस्थापकों की गलती

सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से से रोका गया, इसी दौरान भगदड़ मच गई।

घटना की जांच

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। भगदड़ के दौरान अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत की सूचना मिली है। वहीं, शांतिपूर्ण चले सत्संग के समापन के बाद अचानक मची भगदड़ की मुख्य वजह भी सामने आ गई है।

घटना की मुख्य वजह

मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से से रोका गया, इसी दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 90 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं। मृतकों को अलीगढ़ और एटा पहुंचा दिया गया है। मौके पर डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल रवाना हो गए हैं। आईजी शलभ माथुर सिकंदराराऊ के लिए रवाना हो गए हैं।

व्यवस्थापकों की गलती

दोपहर लगभग 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाजे से निकाला जा रहा था। इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई।

कौन हैं कथावाचक भोले बाबा?

हाथरस में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है। भोले बाबा ने 17 वर्ष पहले पुलिस में एसआई के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था। बताया गया कि एसपी सिंह (भोले बाबा) ने नौकरी के दौरान ही वे मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वहीं, भोले बाबा और उनके अनुयायी आम तौर पर मीडिया से दूर ही रहते हैं।

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