RPRNEWSTV (डॉ. गोपाल चतुर्वेदी) वृन्दावन।पत्थरपुरा स्थित श्रीगोपालजी मन्दिर (श्री माध्वगौड़ेश्वर आश्रम) में श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज का 18 वां त्रिदिवसीय वार्षिक तिरोभाव महोत्सव अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ पूज्य महाराजश्री के चित्रपट के समक्ष वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में महामंडलेश्वर सच्चिदानंद दास शास्त्री महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव महाराज के रोम-रोम में संतत्व विद्यमान था।वे अपनी मात्र ढाई वर्ष की अवस्था में ही श्रीधाम वृन्दावन आ गए थे।यहां उन्होंने अपनी सौ वर्ष की अवस्था तक आजीवन अखंड वास किया। चतु:सम्प्रदाय श्रीमहंत बाबा फूलडोल बिहारीदास महाराज एवं महामंडलेश्वर प्रेमदास शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज गौडीय सम्प्रदाय के बहुमूल्य निधि थे।उन्होंने अपने सम्प्रदाय का संवर्धन करने के लिए अनेकों ठोस कार्य किए।जिस पर गौडीय सम्प्रदाय आज भी गर्व की अनुभूति करता है। रासमण्डल के श्रीमहंत लाडली शरण महाराज एवं महामंडलेश्वर डॉक्टर अधिकारी गुरूजी महाराज ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज जैसी पुण्यात्माएं पृथ्वी पर कभी कभार ही अवतरित होती हैं। उन जैसी विभूतियों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख शिक्षाविद् डॉ. चंद्र प्रकाश शर्मा ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे।उन्होंने श्रीधाम वृन्दावन में साधनारत रहकर श्रीराधाकृष्ण की निकुंज लीलाओं का दर्शन किया था।महामंडलेश्वर स्वामी डॉक्टर आदित्यानंद महाराज एवं प्रमुख समाजसेवी पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज नाम निष्ठ व धाम निष्ठ संत थे। वह सहजता, सरलता, उदारता व परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।महोत्सव में श्रीउमा शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानन्द सरस्वती महराज, डॉक्टर राम कृपालु त्रिपाठी, महंत रामस्वरूप दास ब्रह्मचारी महाराज, आचार्या बद्रीश महाराज, आचार्य वनबिहारी पाठक, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री महाराज, तपेश पाठक, डॉक्टर चंद्रप्रकाश शर्मा, महंत ब्रजबिहारी दास, महंत चंद्रदास महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।महोत्सव के अंतर्गत ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज का भव्य व दिव्य फूल बंगला सजाया गया।