मथुरा / जिला कारागार मथुरा के अधीक्षक पद की कमान अंशुमन गर्ग को सोपी गयी बही पहले से अधीक्षक पद पर मौजूद से ब्रजेश कुमार को नॉएडा जेल अधीक्षक बनाया गया अंशुमन गर्ग जिला कारागार अधीक्षक से पहले अम्बेडकर नगर जेल अधीक्षक रह चुके है ।
नवजात जेल अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने सर्वप्रथम वृन्दावन पहुंच कर बांके बिहारी जी के दर्शन करने के बाद मथुरा जेल का पदभार संभाला ।
(1) *जेल की नौकरी से पहले छोड़ी सात नौकरी*
गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया की जेल की नौकरी ज्वाइन करने से पहले मे सात सरकारी नौकरी का परिणाम पास कर चुका हु, जिनमे बैंक मैनेजर,शिक्षक, रेलवे मे टीसी राजस्व मे पटवारी व छोटी मोटी कई नौकरी रही है, जिनको मेने ज्वाइन नहीं किया मेरा सपना आईएएस आईपीएस बनकर (समाज सेवा )करने का था , मेने दो बार upsc का टेस्ट दिया था जिसको क्लियर ना करने पर मेने कारागार विभाग मे आवेदन किया जिसमे मे पहली ही बार मे सफल हुआ और मेने जेल अधीक्षक का पद ग्रहण किया, इस पद के होते हुए भी मे समाज सेवा कर रहा हूं।जो लोग छोटी छोटी बातो पर जुर्म का रास्ता अपना लेते है उनको जेल मे रहते हुए उनको जुर्म का रास्ता छोड़ सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करना बंदियों को जेल मे आत्म निर्भर करना तरह तरह के रोजगार के बारे मे बताना व सीखना जिससे अपना गुजारा करने के लिए कारागार से बाहर जाकर चोरी चारी अपराध ना करें ।
(2) *जेल मे करायेगे शिकायत पेटीका शुरू*
अक्सर जेल मे रह रहे बंदी अपनी समस्या जेल अधीक्षक तक नहीं पंहुचा पाते और जेल मे कार्य कर रहे लोग बंदियों को उनकी समस्याको दवा देते है जिससे बंदियों की समस्या का हल नहीं होता जेल मे एक शिकायत पेटीका लगाई जायेगी जिसमे परेशान बंदी अपनी समस्या एक कागज पर लिखकर पेटीका मे डालेगा और पेटीका की चाबी जेल अधीक्षक के पास रहेगी जिससे बंदियों की समस्या सीधे जेल अधीक्षक के पास पहुंचेगी बंदियों की सुरक्षा पर विशेष जोर रहेगा साथ मे उनके खाने रख राखब साफ सफाई बीमारी मानसिक बदलाब सभी तरह के बिन्दुओ का भी पूर्णतः ख्याल रहेगा ।
(3) *जेल मे लगेंगे नये उत्पादन कार्य*
गर्ग का कहना है की जेल मे कुछ ऐसे बंदी है जिनका बाहरी दुनिया मे कोई नहीं है ,उनका खर्चा कपडे नहीं आते जिनको पैसे की दिक्कत रहती है उनके लिए हम कारागार मे विभिन्न विभिन्न तरह के उत्पादनो की तैयारी कर रहे है कई सस्थानों से बात चल रही है जल्द ही नये कार्य सुरु किये जायेंगे जिससे कार्य कर बंदी जेल मे अपना खर्चा चला सके।