दोस्तों देश की बड़ी खबर है कि एक साल पहले देश के प्रधान मंत्री मोदी* जिस *दिल्ली मुंबई* एक्सप्रेस हाईवे का *राजस्थान के दौसा* जिले में लोकार्पण कर के गए थे उसे *चूहों ने कुतर* दिया है।यारों यह मेरी कोई *गॉसिप* ख़बर नहीं है।यह रोचक और बड़ी खबर *नेशनल हाईवे अथॉरिटी* और इस *एक्सप्रेस हाईवे* बनाने वाली कंपनी *केसीसी बिल्डकॉन* के आपसी खींचतान भरे पत्राचार के बाद निकल कर आई है जिसे मेरे जैसे *कम अक्ल पत्रकार* ने आप सभी *सुधि जनों* के संज्ञान में लाने के लिए अपनी छोटी सी *कलम* उठाई है.*सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी* का यह *ड्रीम प्रोजेक्ट* रहा है।देश का अब तक का *सबसे लंबा* और सुविधाओं से युक्त यह एक्सप्रेस हाईवे *दिल्ली* एनसीआर से निकल कर अलवर दौसा जयपुर उदयपुर होकर मुम्बई जा पहुंचता है।दोस्तों दिल्ली से निकल अलवर पार करते ही इस एक्सप्रेस वे पर *दौसा* के *भंडारेज इंटरचेंज* के पास पिलर संख्या *182, 300* पर अचानक सड़क धंस गई और चौड़े गहरे गड्ढे हो गए जिसकी *फ़ोटो* भी आपके देखने के लिए इस आलेख के साथ सलग्न कर रहा हूं।एनएचआई के अफसरों ने बीच हाइवे पर गड्ढे होने की सूचना पर संज्ञान लिया और एक दल ने मौके पर पहुंच कर अवलोकन भी किया। *सड़क परिवहन मंत्रालय* के *मंत्री श्री गडकरी* के विभाग ने जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अफसरों से सवाल जवाब किए तो उन्होंने भी हाइवे निर्माण कम्पनी से इसका कारण पूंछ कर इति श्री कर ली।यारों पर जब बुरा वक्त आता है तो कभी भी कह कर नहीं आता। हाइवे के अफसरों ने तो सोचा कोई गोल मोल टेक्निकल जवाब के साथ गड्ढा भरने की सूचना का जवाब आएगा पर फूटी किस्मत यहां भी जवाब देने वाला कोई ऐसा *कारीगर* इंजिनियर बैठा था जिसने ऐसा जवाब दिया कि सबके *छक्के* छूट गए। जवाब को पढ़कर मित्रों इस हाइवे निर्माण के समय *मोटी मोटी गड्डियां* बोरियों में भरकर रिश्वत लेने वाले जिम्मेदार अफसर भी सिर पकड़ कर बैठ गए।इस होशियार इंजिनियर ने एनएचआई के जेंटिल मेन अफसरों को जवाब दिया कि *चूहों* ने हाइवे कुतर दिया है।क्या करें? बरसात ज्यादा हो गई.चूहों को खाने के लाले पड़ गए?क्या करते?उन्होंने सड़क खोद खाई?इसी कारण एक्सप्रेस हाइवे में बन गई पानी की खाई?*चूहों ने सड़क खाई* वाला बयान देने वाले इस बहादुर इंजिनियर बनवारी लाल को तो चलो हाइवे निर्माण करने वाली *केसीसी बिल्डकॉन* कम्पनी ने बात दफन हो जाए इसलिए उसे तुरंत *दफा* कर दिया है पर *सड़क क्यूं धंसी?* इस सवाल का असली जवाब अभी तक भी किसी को नहीं मिला है.मित्रों आप सब जानते हैं कि चूंकि मेरे कमजोर भेजे में कोई भी बात बहुत देर से घुस पाती है उसको समझने में भी मुझे बहुत समय लग जाता है पर मेरे गुरूजनों ने मुझे समझा रखा है कि *श्याम भाई* देर से ही सही मगर कोई भी….*बात सलीके से कही जाए* *तो हर बात सुनी जाती है*तो मित्रों बहुत दिनों बाद मुझे याद आया कि इस घटिया निर्माण वाले एक्स्प्रेसहाइवे पर थोड़े से अंतराल में ही कई बड़ी हस्तियां और आम जिंदगियां अपनी जान गंवा चुकी हैं।दुर्घटना में मरे लोगों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।वैसे *रिश्वत खोर* कुछ अफसरों के लिए भी यह हाइवे मनहूस रहा है।अलवर *कलक्टर नन्नू* समेत दौसा के कई बड़े बड़े अफसर इसके निर्माण के समय *रिश्वत* लेते धरे गए वे जेल भी गए।हाइवे निर्माण का *ओआईसी* यहां एक *एडीएम* को बना रखा था वह जोरदार *औरत नुमा* आदमी रहा साहब… दिनभर *मीठा मीठा बोलता* और हल्के हाथ से *आसामियों को काट* डालता।तब चारों तरफ उसके इर्द गिर्द हाइवे निर्माण से जुड़े बड़े बड़े ठेकेदार और कंपनियों के अफसर,रोड़ी, पत्थर गिट्टी बजरी के आलावा खनन, रेत माफिया ही मंडराते रहते थे।दौसा में जब एसीबी की रेड पड़ी तो उसकी घेरा बंदी में थोड़ी सी चूक एसीबी से हो गई वरना आज वह बड़े बड़े अफसरों को बहाल कराता और पोस्टिंग के लिए मंत्रियों से सेटिंग बैठाता कैसे नजर आता?मित्रों इससे जुड़ी गंभीर कहानियां फिर कभी…बहरहाल *शानदार मंत्री* कहे जाने वाले *नितिन गडकरी* के *ड्रीम प्रोजेक्ट* में ये खाई कैसी?मंत्री जी इस प्रोजेक्ट को निर्दोष चूहों ने कुतरा या भ्रष्टाचारी अजगरों ने निगला?*राम राम* करने से पहले मित्रों आज इतना ही कि दिल्ली मुम्बई एक्स्प्रेस हाइवे निर्माण में बही *भ्रष्टाचार की गंगा* में गहरी डुबकी लगाने वाले अफसर और नेता हाइवे के बीच में बनी गहरी खाई के लिए जिम्मेदार हैं. इस बड़े घोटाले की जांच *सीबीआई* से कम स्तर की जांच एजेंसी से कराना तो बेमानी है।जब भ्रष्टाचार की यह गंगा घर आई थीं तब *पीडब्ल्यूडी* के सयाने इंजीनियर इस प्रॉजेक्ट में पोस्टिंग लेकर अपनी सात पुस्तों (पीढ़ियों) के इंतजाम में दोनों हाथों से लूटने में जुट गए थे।ऐसे दोषी हराम खोर अफसरों की सूची भी तैयार कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जरूरत है . काश ये ऐसे हराम खोर अफसर.. उत्तर कोरिया *किम जोंग* के देश में होते तो इनकी कब्र हाइवे में बनी खाई में ही नजर आती।मित्रों यह यक्ष प्रश्न कि दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे को *चूहे* खा गए या *भ्रष्टाचारी अजगर?* इसका जवाब तो सुधि जनता को जरुर मिलना चाहिए इसी उम्मीद के साथ…